वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका! वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका!
ख़्वाबों की, सर्द हवा तुम तक आए, ये जरुरी नहीं... ख़्वाबों की, सर्द हवा तुम तक आए, ये जरुरी नहीं...
सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ। सोच रहा हुँ थोड़ा बदल के देखूँ फर्ज़ की क़ैद से निकल के देखूँ।
यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी । यह ज़िन्दगी है कई रंग दिखलायेगी ।
I am deleting my poems. I am deleting my poems.
सपने देखो मगर उनके पूरा ना होने पर उदास ना हो। सपने देखो मगर उनके पूरा ना होने पर उदास ना हो।